भारत में काली मिर्च की कीमत ज्यादा है । लेकिन इसके फायदे होने के चलते अक्सर इसे दही में मिलाकर ही सेवन किया जाता है । फिर भी इसका सेवन हर रोज करना नुकसानदायक होता है । सर्दियों के मौसम में कुछ लोग एक चम्मच शहद में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर इसका सेवन करना शुरू कर देते हैं और इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीओबेसिटी, एंटीइंफ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते हैं ।
काली मिर्च की तासीर ज्यादा गर्म बताई गई है । जो लोग शहद में काली मिर्च मिलाकर इन दोनों का सेवन करते हैं वह सावधान हो जाइये क्योंकि इन दोनों की तासीर गर्म होती है । जिसके कारण पेट बिगड़ने की सम्भावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है गर्मियों के मौसम में । हालाँकि सर्दियों में ऐसी कोई दिक्कत वाली बात नहीं ।
सर्दियों में गले खराब होने के कारण दही में मिलाकर इसका सेवन किया जाता है क्योंकि यह गले की समस्या को काफी हद तक ठीक कर देता है । इसी के साथ जुकाम, सर्दी लगना, खांसी होना आदि समस्याएँ भी यह ठीक करने में कारगर साबित होता है । इस तरह की समस्याएं अक्सर सर्दियों के मौसम में ही होती हैं और उन दिनों ही इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है ।
हालाँकि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए । क्योंकि बच्चे के अंग कमजोर (नाजुक) होने के कारण उनके शरीर में काली मिर्च की गर्म तासीर का असर ज्यादा हो सकता है और उसमें सहन करने की शक्ति भी कम होती है । हालाँकि थोड़ी मात्रा में बच्चों को काली मिर्च दी जा सकती है ।
जब बात गर्भवती महिलाओं की आती है तो उनके पेट में पल रहे बच्चे पर इस काली मिर्च की गर्म तासीर का असर पड़ता है । पेट में पल रहे बच्चे का ध्यान रखते हुए बेहद ही कम मात्रा में या कोशिश करनी चाहिए काली मिर्च का सेवन करने की ।
गर्मियों के मौसम में इसका सेवन भूलकर भी ना करें क्योंकि इसकी ज्यादा गर्म तासीर के कारण शरीर में गर्मी फैलती है । जिसकी वजह से पेट बिगड़ेगा, अपच की समस्या होगी, पेट में गैस बनेगी, उसकी वजह से भूख कम लगेगी और शरीर में घमौरियां भी होने लगती है ।