गेहूं और चावल की तुलना में ज्वार ही ज्यादा फायदेमंद साबित होती है । कुछ लोग इसका सेवन आटे की रोटी बनाकर करते हैं, कुछ दलिया बनाकर और कुछ पानी में भिगोने के बाद । हालाँकि गेहूं की बनी रोटी के अलावा ज्वार के आटे की रोटी का सेवन करना ही ज्यादा अच्छा रहता है । तो क्या हर रोज इसका सेवन करना सही है क्योंकि इसकी तासीर की तरफ भी ध्यान देना होता है ।
आयुर्वेद में ज्वार की तासीर शीत बताई गई है यानी ठंडी बताई गई है । इसी कारण से आप गर्मियों के मौसम में हर रोज इसका सेवन कर सकते हैं । क्योंकि इससे कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होगा और इससे पेट को कुछ हद तक ठंडक मिल सकती है । जबकि गर्मियों में ज्यादा ठंडी तासीर वाले लिक्विड या खाद्य पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए अगर पेट को बचाना है अत्यधिक गर्मी से क्योंकि पेट में फैलने वाली गर्मी की वजह से ही पेट खराब होता है ।
इसके अलावा इसकी ठंडी तासीर के कारण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भी यह दिया जा सकता है क्योंकि इसमें प्रोटीन और फाइबर ज्यादा मात्रा में पाया जाता है । ज्यादा फाइबर होने की वजह से यह आसानी से पचने में और गंदा मल बाहर निकलने में आसानी होती है । वहीं दूसरी तरफ प्रोटीन ज्यादा मिलना काफी अच्छी माना जाता है । हालांकि ठंड के दिनों में ज्वार के आटे की रोटी बनाकर अगर सेवन करना हो तो कर लेना चाहिए ।