डॉक्टर्स अक्सर मरीजों को अनार खाने की सलाह देते हैं और उसका जूस तो सबसे पहले । क्योंकि अनार का जूस खून बनाने के काफी कारगर साबित होता है और यह शरीर को काफी ज्यादा फायदा पहुंचता है अन्य जूस की तुलना में । जबकि गाजर का जूस भी काफी फायदा पहुँचाने में सहायक है लेकिन अनार अलग बिमारी को ठीक करने के लिए उपयोग में लिया जाता है । तो क्या इसे किसी भी मौसम में खाया जा सकता है, चलिए जानते हैं ।
आयुर्वेद में अनार का जिक्र किया गया है और इसकी तासीर ठंडी बताई गई है । इसी कारण से गर्मियों के मौसम में इसका सेवन ज्यादा किया जाता है । ठंडी तासीर के कारण इसका सेवन गर्मियों में हर रोज बेझिझक किया जा सकता है । लेकिन खांसी और जुकाम वाले मरीज इसका सेवन बिल्कुल ना करें क्योंकि इसकी ठंडी तासीर के कारण समस्या और बी ज्यादा बढ़ जाएगी ।
इसकी ठंडी तासीर के कारण दस्त, शरीर में गर्मी, पेट दर्द आदि में राहत मिलती है । इसकी कीमत काफी ज्यादा होने के कारण अधिकतर लोग गाजर का ही सेवन करना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि 1 ग्लास अनार के जूस की कीमत तकरीबन 100 रूपए से ज्यादा होती है जबकि अन्य फलों के जूस तो मात्र 50 रूपए में ही मिल जाते हैं ।
ठंडी तासीर फ्रेश अनार की होती है ना कि कंपनी की तरफ से बनाए जाने वाले अनार के जूस की । क्योंकि कंपनी की तरफ से जो अनार का जूस बनाया जाता है उसे बनाने का प्रोसेस काफी लम्बा चला जाता है और उसे शायद उबाला भी जाता है । साथ ही साथ उसमें अन्य नुकसानदायक केमिकल तो तकरीबन हर कंपनियां डालती हैं । जिसके कारण बोतल में मिलने वाले अनार के जूस का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए ।
आप इतना भी जान लें कि अनार के दाने खाओ या फिर उसका जूस, दोनों की तासीर एक जैसी ही होती है । ज्यादा गुणों का फायदा चाहिए तो ऐसे में उसके दाने खाना ज्यादा बेहतर होता है क्योंकि जूस बनाने के लिए जो प्रोसेसिंग की जाती है उसकी वजह से उसके गुण कुछ हद तक कम हो जात्ते हैं, लेकिन वह जूस फायदेमंद तो होता ही है गुणों के आधार पर ।
सर्दियों के मौसम में अगर इसका सेवन करना हो तो उन दिनों गर्म तासीर वाले खाद्य या फिर तरल पदार्थों का सेवन जरुर करें । ताकि अनार की ठंडी तासीर की वजह से शरीर को ठंड ना लगे और उसकी वजह से जुकाम, खांसी आदि ना हो जाए ।