पके और कच्चे, दोनों तरह के आम की तासीर होती है अलग । वहीं दूसरी तरफ बिज के माध्यम से उगने वाले और कलम के माध्यम से उगने वाले आम की तासीर होती है अलग । इसी कारण से कुछ लोग आम की तासीर गर्म बताते हैं तो कुछ बताते हैं ठंडी । इसी तरह कच्चे आम को लेकर भी गलत जानकारी इधर-उधर सुनने को मिलती है । आयुर्वेद के अनुसार और आयुर्वेद का ज्ञान देने वाले गुरु के अनुसार हम आपको यह जानकारी देंगे कि आम की तासीर कैसी होती है ।
पके आम की तासीर कैसी होती है
आयुर्वेद में यह बताया गया है कि पका हुआ आम खा सकते हैं और इसकी ठंडी ठंडी होती है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं । किन्तु इस बात का ध्यान रखा जाए कि यह उस आम की बात हो रही है जिस आम को पैदा किया जाता है उसकी गुठली को मिट्टी में दबाया जाता है । जंगलों में जो अपने आप उगते हैं वह आम गुठली की वजह से उगते हैं । हमारे गाँवों में आम की गुठली को ही मिट्टी वाली जमीन में बीजकर उसे उगाया जाता है । उन्हीं आम की तासीर का वर्णन आयुर्वेद में किया गया है कि इसकी तासीर ठंडी होती है ।
मार्किट में मिलने वाले आम की तासीर गर्म होती है । ऐसा पता चला है कि मार्किट में जो आम मिलते हैं उस आम को उगाने के लिए कलम का उपयोग किया जाता है ना कि आम की गुठली का । सुनने में आया है की आम के पेड़ की कलम को मिट्टी में डाल देते हैं जिसके बाद वह जो आम पककर तैयार होता है उसकी तासीर गर्म होती है । इसी वजह से आम खाने से अक्सर दस्त लग जाते हैं । क्योंकि इसकी तासीर ज्यादा गर्म होने की वजह से पेट में गर्मी काफी ज्यादा फैलने की वजह से पेट बिगड़ता है, गैस बनती है और त्वचा पर फुंसी होने लग जाती है ।
आप आम को अगर खरीद रहे हैं तो ज्यादातर आशंका बढ़ जाती है कि उसकी तासीर गर्म ही हो । इसीलिए आपने उस आम को कम से कम आधे दिन के लिए पानी में भिगोकर ही रखना है । ऐसा करने से उसकी तासीर सामान्य हो जाती है । जिससे उस आम का सेवन गर्मियों के मौसम में बेझिझक किया जा सकता है ।
कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि ज्यादा आम खाने से ही उसकी त्वचा पर फुंसी निकलने लगती है जबकि ऐसा होता नहीं है । पका हुआ आम ज्यादा खाने से रक्त धातु बिगड़ने की वजह से ही त्वचा पर फुंसी आदि पैदा होने लगती है ।
कच्चे आम की तासीर कैसी होती है
आयुर्वेद में कच्चे आम की तासीर की गर्म बताया है । वहीं दूसरी तरफ इसका सेवन ज्यादा करना काफी नुकसानदायक होता है । पके हुए आम की तुलना में कच्चे आम का सेवन करना सही होता है । हालाँकि कुछ जगहों पर कच्चे पाने को उबालकर उसका शरबत बनाकर बेचा जाता है और ऐसा करने से उसकी तासीर गर्म नहीं होती बल्कि ठंडी सी हो जाती है । लेकिन कच्चे आम से शरबत बनाने का प्रोसेस थोड़ा सा अलग भी होता है ।
आखिर आम खाने से फुंसी (pimples) क्यों होने लगती है
ज्यादा आम खाने की वजह से खून में खराबी आने की वजह से ही त्वचा पर फुंसी आने लगती है ना कि उसकी गर्म तासीर की वजह से ।